आसान शब्दों में ट्रेडिंग का मतलब होता है किसी चीज को खरीदना और फिर दाम बढ़ जाने पर उसको बेच देना जिससे कि हमें लाभ हो सके। तो आज हम विस्तार से जानेंगे कि शेयर बाजार में Trading Kya Hai। स्टॉक मार्केट में शेयरों को अच्छे दामों में खरीदना और फिर उन्हीं शेयरों को ज्यादा लाभदायक दामों में बेच देना ही ट्रेडिंग कहलाता है।
Trading Kya Hai?
किसी कंपनी की पूरी तरह से जानकारी इकट्ठा करना और टेक्निकल एनालिसिस करने के बाद उस कंपनी के शेयर के मूल्य को देखकर शेयर को खरीदना और फिर जैसे ही अच्छा मुनाफा मिलने पर उसे बेचना को ट्रेडिंग कहते हैं।
ट्रेडिंग में हम शेयर को खरीदने के बाद निश्चित समय के लिए अपने पास रखते हैं जैसे कि 1 मिनट, 1 घंटे और 6 महीनों या उससे ज्यादा समय के लिए। स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने वालों के लिए खास बात यह भी है कि अगर किसी ट्रेडर को शेयर खरीदने हैं तो उसको कंपनी की डिटेल लेने की जरूरत नहीं है उसको सिर्फ टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस की मदद से उस कंपनी के शेयर के मूल्यों पर ही ध्यान देना होता है।
क्योंकि अक्सर ट्रेडिंग में व्यापारियों को शेयर के मूवमेंट से ही मतलब होता है क्योंकि जैसे ही स्टॉक के दामों में बढ़ोतरी होती है वैसे ही ट्रेडर अपने जमा किए हुए शेयर से मुनाफा कमा लेते हैं (शेयर मार्केट में शेयर को सेल करके भी पैसे कमाए जा सकते हैं उसके बारे में हम बाद में बात करते हैं)।
ट्रेडिंग में आने वाला हर एक ट्रेडर पैसे बहुत जल्दी कमा सकता है पर इसमें जोखिम भी होता है क्योंकि यहां पर हर एक शेयर का मूल्य कभी भी गिर और बढ़ सकता है।
ट्रेडिंग के प्रकार - Trading Ke Prakar
ट्रेडिंग की बहुत सारी किस्में भी होती हैं तो आइए हम आपको बताते हैं कि ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते हैं:
- स्काल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading)
- इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)
- स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)
- पोजीशनल ट्रेडिंग (Positional Trading)
ऊपर दी हुई 4 किस्मों के बारे में हम संक्षेप में बात करते हैं।
स्काल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading)
स्काल्पिंग ट्रेडिंग का मकसद होता है मिनटों में पैसा कमाना इसमें ट्रेडर शेयर को कुछ चंद मिनटों (या उससे ज्यादा समय के लिए) के लिए ही खरीदते हैं और स्टॉक मार्केट में इन्हीं शेयर के दाम बढ़ने (या कम होने पर) पर खरीदे गए शेयर को बेचकर मुनाफा कमा लेते हैं। जब कोई भी ट्रेडर ऐसी ट्रेडिंग करता है तो उसे स्काल्पिंग ट्रेडिंग कहते हैं।
ऐसी ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर 1 दिन में 1 से ज्यादा कुछ बार 10-20 से ज्यादा भी ट्रेड करते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)
इंट्राडे ट्रेडिंग को हम डे ट्रेडिंग भी कहते हैं। इसका मतलब यह है कि ट्रेडर एक ही दिन में शेयर खरीद लेता
है और उसी दिन में अपने शेयर को फायदे या नुकसान में बेच देता है। आसान शब्दों में कहें तो एक ट्रेडर 1 दिन में समान खरीदता है और उसी दिन में अपना सामान बेच देता है।
इसे कहते हैं Intraday Trading। इंट्राडे ट्रेडिंग का मकसद अचानक आई उछाल या गिरावट का लाभ उठाना होता है जिससे ट्रेडर समय रहते ही मुनाफा कमा सके।
इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेडर हर बार लाभ ही कमाए ऐसा संभव नहीं है ट्रेडर को इसमें नुकसान भी हो सकता है।
ट्रेडिंग में सबसे मुश्किल इंट्राडे ट्रेडिंग होती है इसलिए इसको अच्छी तरह स्टॉक मार्केट सीखने के बाद ही करना शुरू करना चाहिए।
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)
Swing Trading में अक्सर ट्रेडर शेयर को 1 हफ्ते से लेकर 4 हफ्तों तक अपने पास रखता है और फिर इन शेयर को सेल कर देता है। स्विंग ट्रेडिंग का मुख्य लक्ष्य कुछ सप्ताह में शेयर के दाम में आने वाले Swing का लाभ उठाकर जल्द से जल्द लाभ कमाना होता है। इसी को ही स्विंग ट्रेडिंग कहते हैं। इस बात का ध्यान रहे कि इसमें जोखिम भी होता है
पोजीशनल ट्रेडिंग (Positional Trading)
Positional Trading से तात्पर्य है कि इसमें ट्रेडर शेयर खरीदता है और इन शेयरों को लंबे समय के लिए अपने पास
रखता है। ऐसा करने के लिए हर एक ट्रेडर को शेयर अपने पास रखने के लिए शेयर की डिलीवरी अपने डीमैट अकाउंट में लेनी पड़ती है।
ट्रेडर ने जितने शेयर जिस दाम में खरीदे हैं इन शेयरों का मूल्य ब्रोकर को देना पड़ता है ऐसा करने से
उसको डीमैट अकाउंट में सभी शेयर मिल जाते हैं। इसके बाद वह कभी भी अपने शेयर को बेचकर पैसे जुटा
सकता है।
लेकिन इसमें रिस्क भी होता है। क्योंकि अक्सर हम देखते हैं कि शेयर बाजार में किसी अच्छी या बुरी खबर के कारण आने वाले दिनों में बाजार कुछ बहुत ज्यादा ऊपर या बहुत ज्यादा नीचे खुलता हैं। उदाहरण के तौर पर 2020 में स्टॉक मार्केट कोरोना वायरस की वजह से बहुत बुरी तरह से गिरा था।
अक्सर लोगों के मन में आता है कि क्या ट्रेडिंग से रेगुलर इनकम कमाई जा सकती है या नहीं। ऐसा सवाल हर इंसान के मन में आता है तो आइए हम आपको आसान शब्दों में इसकी जानकारी देते हैं।
हर एक इंसान के लिए ट्रेडिंग के जरिए पैसे कमाना संभव है पर यह आसान नहीं होता है क्योंकि जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि अगर कोई व्यक्ति शेयर के मूल्य की हर एक छोटी मूवमेंट से अच्छा पैसा कमाना चाहता है तो उसके लिए ज्यादा से ज्यादा शेयर लेने आवश्यक हैं और इसके लिए पैसों की जरूरत बहुत ज्यादा होगी।
पैसों के साथ-साथ हर एक व्यक्ति को जो कि इसमें पैसे लगाते हैं उनको TECHNICAL ANALYSIS की जानकारी होनी भी जरूरी है। तभी हम प्राइस के पैटर्न को समझ सकेंगे और वक्त आने पर शेयर को बेच और खरीद सकेंगे।
ट्रेडिंग में सबसे महत्वपूर्ण बात यह होती है कि लगातार अपनी गलतियों से सीखना क्योंकि जितना ही हम
सीखेंगे उतना हमारा तजुर्बा बढ़ेगा जिससे कि हम Successful Trader ट्रेडर बन सकेंगे। अपनी गलतियों से सीखना और उससे आगे बढ़ना ही सक्सेसफुल ट्रेडर की पहचान होती है।
☛ अभी शेयर मार्केट अकाउंट खोले
ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोलते हैं? - Trading Account Kaise Khol Te Hai?
ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए सबसे पहले हमें स्टॉक ब्रोकर के पास जाना पड़ेगा। स्टॉक ब्रोकर हमारा ट्रेडिंग अकाउंट आसानी से खोल सकता है। आज के समय में ट्रेडिंग अकाउंट कर बैठे ऑनलाइन खोला जा सकता है।
नीचे हमने मशहूर स्टॉक ब्रोकर के लिंक दिए हैं जिन पर क्लिक करके आप अपना डिमैट अकाउंट घर से ही 15 मिनट में खोल सकते हैं।
भारत के मशहूर स्टॉक ब्रोकर:
- जीरोधा
- एंजेल ब्रोकिंग : खास तौर पर मोबाइल से ट्रेडिंग करने के लिए
- अपस्टॉकस
फिर इसके बाद शेयर को बेचने और खरीदने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे जमा करवाने जरूरी है जिसके लिए हमें ट्रेडिंग अकाउंट के साथ अपना एक बैंक अकाउंट भी लिंक करवाना जरूरी है। क्योंकि अगर हम कभी पैसों की जरूरत हो तो हम ट्रेडिंग अकाउंट में से बैंक अकाउंट में पैसा जमा करवा सकें।
यह जरूरी नहीं है कि हम अपना कोई नया बैंक अकाउंट ही खुलवाएं बैंक में अगर हमारे पास अपना कोई पुराना खाता भी है तो हम उसको भी लिंक करवा सकते हैं। इससे हमारे शेयर का जो Dividend होगा उसके हकदार हम होंगे और उसकी राशि हमारे इसी बैंक अकाउंट में जाएगी।
स्टॉक ब्रोकर क्या होता है?
ट्रेडर या इन्वेस्टर के साथ स्टॉक एक्सचेंज को जोड़ने का काम स्टॉक ब्रोकर करता है। स्टॉक ब्रोकर हमारे स्टॉक
एक्सचेंज के बीच एक कनेक्शन का काम करता है।
Trading अकाउंट खोलने के लिए जो जरूरी डॉक्यूमेंट चाहिए होते हैं वह नीचे लिखे हैं:
- पैन कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- स्थाई पते का प्रूफ जैसे कि आधार कार्ड, वोटर कार्ड, पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस या इसके समान कोई और दस्तावेज
- आपकी आमदन का सबूत जैसे कि पिछले 6 महीने की बैंक स्टेटमेंट, सैलरी स्टेटमेंट या कोई और समान दस्तावेज
- बैंक अकाउंट प्रूफ जैसे कि बैंक अकाउंट स्टेटमेंट, बैंक पासबुक की फोटो, बैंक चेक इत्यादि
ट्रेडिंग अकाउंट खोलते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है?
- सबसे पहले हर एक ट्रेडर को अपना मोबाइल नंबर अपने ट्रेडिंग अकाउंट के साथ जरूर लिंक करवाना चाहिए ताकि भविष्य में होने वाली ट्रांजेक्शन का पता चलता रहे।
- आपके ट्रेडिंग अकाउंट से जो भी ट्रांजैक्शन हो रही है आप अपने ईमेल और अपने इनबॉक्स की भी अच्छे
- से जांच करें।
- अगर आपके ट्रेडिंग अकाउंट में से बिना बताए अगर कोई ट्रांजैक्शन कर रहा है तो आप उसी वक्त
- अथॉरिटी को संपर्क करें। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको आगे जाकर मुश्किलों का सामना करना
- पड़ सकता है।
- अगर किसी ट्रेडर की कोई स्टेटमेंट ब्रोकर के पास पड़ी हुई है जैसे कि कोई ट्रांजैक्शन, मनी इत्यादि तो
- उसको तुरंत अपने पास रखें।
- अगर कोई ट्रेडर ऑफलाइन है और वह ऑफलाइन ब्रोकर के साथ जुड़ा हुआ है तो आप लोग अपनी कोई
- भी दस्तखत की हुई स्लिप ब्रोकर के पास ना छोड़े।