Sovereign Gold Bond Scheme क्या है और कैसे खरीदें?

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सोने में निवेश को एक सुरक्षित माध्यम माना जाता रहा है परंतु सॉवरेन गोल्ड में निवेश भी एक सुरक्षित एवं अनेकों फायदे प्रदान करने वाला अतिरिक्त माध्यम है। अनेकों सोने के निवेश विकल्पों में से सावरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम सर्वोत्तम है। इस विशेष स्कीम को भारत सरकार की ओर से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी किया जाता है। जिसका मतलब है कि आपको रिजर्व बैंक आफ इंडिया और भारत सरकार की ओर से गारंटी भी मिलती है कि आपका निवेश सुरक्षित रहेगा। आइए जानते हैं सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम क्या है (Sovereign Gold Bond scheme in Hindi) और इसके क्या फायदे हैं और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड कैसे खरीदें।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड क्या है? - Sovereign Gold Bond Kya Hai

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम एक विशेष स्कीम है जिसे भारत सरकार की ओर से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी किया जाता है। इस स्कीम के अंतर्गत सोने की खरीद फिजिकल रूप की अपेक्षाकृत डिजिटल रूप में की जाती है एवं सोने की खरीद को ग्राम में नामित किया जाता है। इस सोने का मूल्य 24 कैरेट सोने के बराबर होता है और इस तरह के निवेश पर सरकार की ओर से 2.5% अतिरिक्त ब्याज दर हर साल मिलती है।

उदाहरण के तौर पर ₹100000 का सावरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम लिया है। अभी आपके निवेश का मूल्य सोने के भाव के हिसाब से ही ऊपर नीचे होगा और इसके अलावा आपको आपके 100000 के निवेश पर सरकार की ओर से 2.5 % ब्याज दर के हिसाब से मिलेगा। मतलब हर साल आपको एक लाख पर ढाई हजार ब्याज मिलेंगे। वह सरकार की ओर से हर छह महीने बाद आपके बैंक अकाउंट में सीधे भेज दिए जाएंगे।

अगर टैक्स की बात करें तो इसमें अगर आप 8 साल की अवधि के बाद अपने निवेश को निकलाते हैं तो आपको लॉन्ग टर्म कैपिटल गैन नहीं देना पड़ेगा।

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सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड कैसे खरीदें? - Sovereign Gold Bond kaise kharide

अगर आप गोल्ड बॉन्ड खरीदना चाहते हैं तो इसका सबसे आसान तरीका है डिमैट अकाउंट के जरिए। अगर आपका यह अकाउंट है तो आप सिर्फ 5 मिनट में ही सावरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं।

अगर आपने अपना डिमैट अकाउंट अभी तक नहीं खोला है तो यह अकाउंट भी सिर्फ 15 मिनट में खुल जाता है। नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप भारत के नंबर वन स्टॉक ब्रोकर एंजेल वन (Angel One) के साथ अपना डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं और सावरेन गोल्ड बॉन्ड खरीद सकते हैं।

यही नहीं आप गोल्ड ईटीएफ में भी निवेश कर सकते हैं और इसके साथ-साथ स्टॉक मार्केट में भी निवेश करना शुरू कर सकते हैं।

यही नहीं एंजेल वन ट्रेडिंग अकाउंट आपको बॉन्ड में निवेश करने के साथ-साथ गोल्ड ईटीएफ, म्युचुअल फंड, और स्टॉक मार्केट में निवेश करने का मौका भी देता है। इसके लिए किसी भी तरह का अतिरिक्त शुल्क भी नहीं लगता है तो अभी अपना अकाउंट खोलकर निवेश करना शुरू करें।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड कैसे खरीदें - Sovereign Gold Bond kaise kharide:

  • सबसे पहले https://tinyurl.com/226ohkzh वेबसाइट पर जाएं।
  • लोगिन करने के बाद, Bids पर क्लिक करें।
  • उसके बाद Govt. Securities पर क्लिक करें। आपको सावरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम दिख जाएगी, अभी Place Bid पर क्लिक कर दें।
  • अभी आप अपने निवेश की रकम दर करें। जितनी रकम के सावरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदना चाहते हैं उतनी रकम दर्ज कर दें। आपको कम से कम एक क्वांटिटी लेनी पड़ेगी।
  • अमाउंट दर्ज करने के बाद Place Bid बटन दबा दे। अभी आपने सफलतापूर्वक सावरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश के लिए आवेदन दे दिया है। यह गोल्ड बॉन्ड दिए गए मेच्योरिटी डेट के बाद आपके डिमैट अकाउंट में भेज दिए जाएंगे।
  • ध्यान दें: सावरेन गोल्ड बॉन्ड आम तौर पर 2 से 3 महीने के बाद आते हैं। अगर अभी आपको वहां पर गोल्ड स्कीम नहीं दिख रही है तो अभी कोई गोल्ड बॉन्ड शुरू नहीं हुआ होगा।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निम्न प्रक्रिया द्वारा निवेश किया जाता है:

  • सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश के लिए आवेदन पत्र भरा जाता है। यह आवेदन पत्र ऑनलाइन, डाकखाने, सूचीबद्ध निजी बैंक, सूचीबद्ध फॉरेन बैंक,स्टॉक एक्सचेंज एवं स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा प्रदान किए जाते हैं एवं बैंकों द्वारा ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा भी उपलब्ध है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की अधिकारिक वेबसाइट पर भी यह आवेदन पत्र उपलब्ध है।
  • पूर्ण रूप से भरा हुआ आवेदन पत्र निवास प्रमाण पत्र एवं पहचान पत्र (पैन कार्ड) सहित बैंक को प्रदान किया जाता है क्योंकि यह केवाईसी की प्रक्रिया को संपूर्ण करने के लिए अनिवार्य है।
  • निवेश की जाने वाली राशि नकद, चैक द्वारा, डिमांड ड्राफ्ट द्वारा अथवा इलेक्ट्रॉनिक फंड द्वारा भी संबंधित बैंक को स्थानांतरित की जा सकती है।
  • संपूर्ण विवरण की जांच हो जाने के पश्चात संबंधित बैंक निवेशक को एक्नॉलेजमेंट रसीद प्रदान करता है।
  • सबंधित बैंक द्वारा आरबीआई के ई कुबेर सिस्टम पर पहुंचा जाता है तथा निवेशक का संपूर्ण विवरण उस पर अपलोड किया जाता है जिसकी पुष्टि के लिए आरबीआई द्वारा संबंधित बैंक को कंफर्मेशन मेल एवं धारक प्रमाण पत्र भेजा जाता है।
  • संबंधित बैंक द्वारा यह धारक प्रमाण पत्र डाउनलोड किया जाता है, प्रिंट किया जाता है एवं निवेशक को भेज दिया जाता है।
  • यदि निवेशक द्वारा उल्लेखित हो तो धारक प्रमाण पत्र निवेशक के डिमैट अकाउंट में क्रेडिट किए जाते हैं।

गोल्ड बॉन्ड के फायदे - Sovereign gold bond ke fayde

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के फायदे अनेकों हैं:

  • मात्रा एवं गुणवत्ता: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के अधीन खरीदे गए सोने की मात्रा (ग्राम नामित इकाइयों की संख्या) एवं गुणवत्ता (999 शुद्धता) संपूर्ण रूप से सुरक्षित रहती है।
  • कर रहित: स्कीम जीएसटी कर रहित है इसलिए इसमें भौतिक सोने की खरीद की अपेक्षाकृत किसी प्रकार का कर नहीं लगता है।
  • भंडारण एवं सुरक्षा: स्कीम के अधीन खरीदा गया सोना परंपरागत तरीके द्वारा खरीदे के गोल्ड के विपरीत भंडारण शुल्क रहित एवं सुरक्षित होता है। यह किसी भी प्रकार की चोरी, गुम हो जाने अथवा जालसाजी से मुक्त होता है।
  • किफायती: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के अधीन खरीदा गया सोना, परंपरागत तरीके द्वारा खरीदे गए सोने के विपरीत सभी प्रकार के खर्चों उदाहरण के तौर पर गोल्ड मेकिंग चार्ज, जीएसटी एवं गोल्ड वेस्टेज चार्ज आदि से उन्मुक्त है।
  • कॉलेटरल सिक्योरिटी: स्कीम का उपयोग कॉलेटरल सिक्योरिटी के रूप में किया जा सकता है। इसका यह अर्थ है कि निवेशक इसका उपयोग अन्य ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भी कर सकता है।

स्कीम के नुकसान

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम निवेशक के लिए, सोने के मूल्य में आने वाली गिरावट के कारण नुकसानदेह सिद्ध हो सकती है। लेकिन यह है जोखिम जब आप सोने के जेवरात खरीदने हैं तब भी होता है। रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया और भारत सरकार की गारंटी के कारण इसमें हेरा फेरी हेरा फेरी का किसी भी तरह का जोखिम नहीं होता है। बस आप मान्यता प्राप्त स्टॉक ब्रोकर, बैंक या फर्म से ही आवेदन दे।

यह एक लंबे निवेश के लिए स्कीम है। जिसका मतलब है कि आपको इसमें एक बार निवेश करने के बाद पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए 8 साल का इंतजार करना पड़ेगा। इसमें किया गया निवेश 5 साल से पहले नहीं निकाला जा सकता है। इस स्थिति में आपको ज्यादा प्रॉफिट नहीं होगा। अगर आप 8 साल से पहले स्कीम से एग्जिट करते हैं तो आपको कैपिटल गैन देने पड़ेंगे और इसके अलावा प्राप्त ब्याज दर पर टैक्स लगता है।

कम अवधि के लिए सोने में निवेश करने के लिए आप गोल्ड ईटीएफ के बारे में सोच सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ में आप कभी भी निवेश कर सकते हैं और किसी भी समय एग्जिट कर सकते हैं। लेकिन इस स्कीम में किसी तरह का अतिरिक्त ब्याज नहीं मिलता है बस सोने में सोने के हिसाब से इसका मूल्य ऊपर नीचे होता है। ईटीएफ का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें आप ₹100 के निवेश के साथ शुरुआत कर सकते हैं।

स्कीम की विशेषताएं

सॉवरेन गोल्ड बोर्ड स्कीम की निम्न विशेषताएं हैं:

  • संयुक्त होल्डिंग: सावरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में संयुक्त होल्डिंग का भी व्यवस्थापन किया गया है। इसके अंतर्गत दो निवेशक संयुक्त रूप से आवेदन कर सकते हैं एवं उस विशेष आवेदन के लिए प्रथम आवेदक की अधिकतम निवेश सीमा सुनिश्चित होती है।
  • निवेश के नियम: सावरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश के विभिन्न नियम हैं।

व्यक्तिगत निवेश के लिए न्यूनतम निवेश सीमा 1 ग्राम एवं अधिकतम निवेश सीमा 4 किलोग्राम है।

हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली के लिए न्यूनतम निवेश सीमा 1 ग्राम एवं अधिकतम निवेश सीमा 4 किलोग्राम है।

सरकार द्वारा अधिसूचित सभी संस्थाओं एवं ट्रस्टों के लिए न्यूनतम निवेश सीमा 1 ग्राम एवं अधिकतम निवेश सीमा 20 किलोग्राम तक है।

एक परिवार का प्रत्येक सदस्य 4 किलोग्राम तक के गोल्ड के लिए प्रतिवर्ष निवेश कर सकता है क्योंकि इस स्कीम में निवेश की अधिकतम सीमा प्रति वित्तीय वर्ष पर आधारित है।

फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट 1999 के अधीन भारतीय नागरिक इस स्कीम में निवेश कर सकते हैं।

  • ऑनलाइन आवेदन: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में ऑनलाइन भी निवेश किया जा सकता है जिसके परिणाम स्वरूप निवेशक को ₹50 प्रति ग्राम की बचत होती है।
  • अव्यसक द्वारा आवेदन: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में अभिभावक द्वारा अपनी अव्यस्क संतान के लिए भी आवेदन किया जा सकता है।
  • खरीद के विकल्प: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश के लिए डाकखाने, सूचीबद्ध निजी बैंक, सूचीबद्ध फॉरेन बैंक,स्टॉक एक्सचेंज एवं स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड से संपर्क स्थापित किया जा सकता है।
  • ग्राहक सेवा: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम से संबंधित सभी ग्राहक सेवाओं का लाभ उठाने के लिए जारीकर्ता बैंक से संपर्क स्थापित किया जा सकता है।
  • रिटर्न: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के अधीन खरीदे गए गोल्ड से निवेशक को निरंतर आवधिक ब्याज (2.5% प्रतिवर्ष) एवं स्कीम की परिपक्वता द्वारा प्राप्त होने वाले रिटर्न सुनिश्चित होते हैं।
  • डिमैट अकाउंट: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के अंतर्गत खरीदे गए बॉन्ड डिमैट फॉर्म में भी रखे जा सकते हैं। बॉन्ड को डीमेट फॉर्म में परिवर्तित करने की प्रक्रिया बॉन्ड अलॉटमेंट के बाद उपलब्ध होती है।
  • ट्रेडेबल बॉन्ड: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के अंतर्गत खरीदें गए सभी बॉन्ड (डिमैट फॉर्म में उपलब्ध) का ट्रेडिंग के लिए स्टॉक एक्सचेंज में उपयोग किया जा सकता है।
  • सुनिश्चित अवधि: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 8 वर्ष की निश्चित अवधि के साथ जारी किए जाते हैं परंतु 5 वर्षों की अवधि के संपूर्ण होने के बाद कभी भी एग्जिट किया जा सकता है।

किस प्रकार के निवेशकों को सावरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश करना चाहिए?

निम्न प्रकार के निवेशकों को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश करना चाहिए:

  • वे निवेशक जो अधिक जोखिम नहीं उठाना चाहते एवं पर्याप्त लाभ भी अर्जित करना चाहते हैं वह इस प्रकार की स्कीम का लाभ उठा सकते हैं।
  • वे निवेशक जो स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करते हैं वे भी इस स्कीम में निवेश द्वारा अपने निवेश पोर्टफोलियो को विविधीकरण प्रदान कर सकते हैं एवं स्टॉक मार्केट के जोखिम को सीमित कर सकते हैं।
  • वह निवेशक जो भौतिक सोने के रखरखाव की परेशानी से बचना चाहते हैं वे इस स्कीम में निवेश कर सकते हैं एवं खरीदी गई सिक्योरिटीज को डीमैट फॉर्म में रख सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

समय से पूर्व सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड रिडेंप्शन के लिए हमें क्या करना चाहिए?

समय से पूर्व रिडेंप्शन के लिए हमें जारीकर्ता बैंक से कूपन पेमेंट तारीख से कम से कम 1 दिन पूर्व संपर्क स्थापित करना चाहिए एवं आवेदन करना चाहिए। हमारे द्वारा प्रदान किए गए बैंक अकाउंट में बॉन्ड से संबंधित धनराशि क्रेडिट हो जाएगी।

परिपक्व रिडेंप्शन की क्या प्रक्रिया है?

परिपक्व रिटेंशन की प्रक्रिया इस प्रकार है:

  • निवेशक को मैच्योरिटी तारीख की सूचना लगभग एक महीना पूर्व प्रदान की जाती है।
  • मैच्योरिटी तारीख वाले दिन संबंधित धनराशि निवेशक द्वारा प्रदान किए गए बैंक अकाउंट में क्रेडिट हो जाती है।
  • आवेदन के समय प्रदान किए गए विवरण (बैंक अकाउंट,ईमेल आईडी) में बदलाव के लिए निवेशक को जारीकर्ता बैंक से तुरंत जी संपर्क स्थापित करना चाहिए।

निवेशक को रिडेंप्शन धनराशि किस प्रकार प्राप्त होगी?

निवेशक को रिडेंप्शन धनराशि उसके द्वारा प्रदान किए गए बैंक अकाउंट में मैच्योरिटी तारीख वाले दिन क्रेडिट हो जाएगी।

निवेशक को मैच्योरिटी तारीख के समय क्या प्राप्त होगा?

निवेशक को मैच्योरिटी तारीख के समय, मैच्योरिटी तारीख से 3 दिन पूर्व के, इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन लिमिटेड द्वारा प्रकाशित किए गए 999 शुद्धता वाले सोने के समापन मूल्य के आधार अदायगी की जाएगी।