
जैसे ही मौसम बदलता जाता है वैसे ही डेंगू का खतरा भी बढ़ जाता है. डेंगू मच्छर से होने वाली बीमारी होती है. जिसमें की हड्डी तोड़ बुखार होता है. एक जगह पर बहुत दिनों तक ठहरा हुआ साफ पानी जिससे डेंगू मच्छर उत्पन्न होते हैं. जो की खतरनाक साबित हो सकते हैं. आज हम इस आर्टिकल में देखेंगे कि डेंगू मच्छर के क्या-क्या कारण हो सकते हैं, इसे कैसे बचा जा सकता है और कुछ घरेलू उपाय.
डेंगू बुखार के लक्षण
डेंगू बुखार एक फ्लू की तरह होता है. एडिस से संक्रमित मच्छर डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी फैलाती है. इन मच्छरों के माध्यम से डेंगू फैलता ह. सूत्रों के मुताबिक 2024 तक लगभग 5 Million से भी ज्यादा के WHO को रिपोर्ट किए गए हैं. ज्यादातर मौसम बदलने पर ही ऐसी गंभीर समस्याएं होती हैं. इनका समाधान बहुत ही आवश्यक होता है.
जो लोग शारीरिक रूप से स्वस्थ होते हैं वह लोग 9 से 10 दिन के बीच में ठीक हो जाते हैं. परंतु जो लोग शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं उनके लिए समस्या अधिक बढ़ सकती है. डेंगू मच्छर के काटने के बाद 4 से 15 दिन के बाद ही व्यक्ति के अंदर डेंगू के लक्षण पाए जाते हैं. यह लक्षण इस प्रकार हैं.
- बहुत तेज सिर दर्द होना
- कांप कर बुखार चढ़ना
- हाथों पैरों के जोड़ों में अधिक दर्द होना
- मसूड़े या नाक से खून बहना
- बहुत ज्यादा थकान महसूस होना और तेजी से वजन का घट जाना
अगर किसी व्यक्ति के अंदर यह लक्षण पाए जाते हैं तो जल्द ही अपने नजदीकी डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है.
डेंगू मच्छर से बचाव
सुबह के समय पर यह मच्छर ज्यादा सक्रिय होते हैं. डेंगू मच्छर के बचाव हेतु अपने घर के आसपास साफ पानी खड़ा ना होने दे, घर के पौधों को साफ सुथरा रखें उनमें पानी इकट्ठा न होने दे,मच्छरों के संपर्क में ना आए,जब भी घर से बाहर जाएं तो फुल कपड़े पहन के निकले, घर से निकलने से पहले अपने पैरों पर नारियल का तेल या ऑडोमोज जरूर लगाए,बच्चों को ज्यादा बाहर लेकर जाने से बचाव करें, और बच्चों को फुल कपड़े डाल डालकर रखें, बच्चों की खेलने वाली जगह को साफ सुथरा रखें.
डेंगू बुखार से बचने के घरेलू उपचार
तुलसी का प्रयोग
डेंगू बुखार के बचाव हेतु तुलसी बहुत ही लाभदायक मानी जा सकती है.तुलसी में एंटीऑक्सीडेंटगुण पाए जाते हैं. जो कि हमारे शरीर को डिटॉक्स करती है. और हमारे शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में लाभदायक होती है. अगर रोजाना एक Cup पानी में दो तीन पत्ते तुलसी के उबालकर काढ़ा बनाकर पिया जाए तो यह हमारी इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में सक्षम मानी जा सकती है.
संतरे का प्रयोग
संतरे में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. जो डेंगू फीवर को नष्ट करने के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है.
नीम के पत्तों का प्रयोग
नीम के पत्तों में एंटीवायरस और एंटीऑक्सीडेंट गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर पीने से डेंगू के लक्षणों को काम किया जा सकता है.
किसी भी तरह का घरेलू उपचार करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें.