Nifty क्या है? निफ्टी 50 क्या होता है

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Nifty National Stock Exchange द्वारा पेश किया गया इंडेक्स है जो कि अप्रैल 1996 में शुरू किया गया था। यह दो शब्दों नेशनल और फिफटी (National and Fifty) से बना है। निफ्टी NSE से संबंधित इंडेक्स है। निफ़्टी National Stock Exchange of India का एक जरूरी Benchmark होता है।

निफ्टी में कई सूचकांक होते हैं जैसे कि निफ्टी 50, निफ्टी आईटी, निफ्टी बैंक, निफ्टी नेक्स्ट 50 और निफ्टी नेक्स्ट 100 इत्यादि। निफ्टी का सबसे महत्वपूर्ण इंडेक्स निफ़्टी 50 है। तो आगे हम इसके बारे में ही जिक्र करें वह समझेंगे कि Nifty kya hai और इसका स्टॉक मार्केट में क्या प्रभाव होता है।

Nifty kya hai

Nifty Kya Hai?

Nifty 50 meaning in Hindi 'नेशनल स्टॉक एक्सचेंज 50 (National Stock Exchange 50)' है। यह National Stock exchange की सूची में प्रमुख 50 शेयर्स का प्रतीक है।

यह देश की 50 मुख्य कंपनियों के शेयरों पर नजर रखता है। निफ्टी की सूची में जो शामिल 50 शेयर्स है यह उनके मूल्य में होने वाले उशाल और मंदी को दर्शाता है। निफ़्टी फिफ्टी भारत के सबसे मशहूर Stock Index में से एक है।

निफ्टी में शामिल स्टॉक भारतीय अर्थव्यवस्था के 12 क्षेत्रों (वित्तीय सेवाएं, सीमेंट, दूरसंचार, वित्तीय सेवाएं, सूचना प्रौद्योगिकी, उपभोक्ता सामान, फार्मास्यूटिकल्स, धातु, मनोरंजन, मीडिया और इसके उत्पाद, ऑटोमोबाइल, ऊर्जा, कीटनाशक और उर्वरक और अन्य सेवाएं) में से लिए जाते हैं।

Nifty सूची में 50 से अधिक कंपनियों के स्टॉक को नहीं रखा जा सकता है। निफ्टी से हम यह जानते हैं कि जिन कंपनियों के शेयर निफ्टी में शामिल हैं वह कंपनी किस तरह काम कर रही है। अगर कंपनी ठीक काम कर रही है तो उसका सरल प्रभाव कंपनी के शेयरों के मूल्य में दिखता है और उस कंपनी के शेयर के मूल्य बढ़ जाते हैं तो फिर इसके कारण निफ्टी में भी उछाल आता है।

ठीक इसी प्रकार यदि इंडेक्स में शामिल कंपनियों को फायदा कम हो रहा है तो इसका उचित प्रभाव उस कंपनी के शेयर के मूल्य पर पड़ता है और शेयर के मूल्य में कमी आ जाती है जिससे निफ्टी में गिरावट को देखा जा सकता है।

Nifty और देश की अर्थव्यवस्था का भी एक दूसरे के साथ रिश्ता होता है। निफ्टी का ऊपर जाना और लाभ कमाना इससे हमें यह पता चलता है कि देश की अर्थव्यवस्था भी अच्छी है। क्योंकि जितना अधिक भारतीय व्यवसाय की पूंजी लाभ कमाएंगी उतना ही ज्यादा कर भारत की अर्थव्यवस्था में शामिल किया जाएगा जो कि भारतीय अर्थव्यवस्था को कहीं ना कहीं मजबूत जरूर बनाएगा।

Nifty एक प्रकार से हमें इसमें शामिल कंपनियों के शेयर के मूल्य में होने वाली तेजी और मंदी की तो जानकारी देता ही है इसके साथ-साथ हमें पूरे बाजार की चाल चलन क्या है यह भी जानकारी देता है।

निफ्टी के आकलन से तात्पर्य उन 50 सूचित कंपनियों के शेयर का आंकलन करना है। निफ्टी में जहां सिर्फ 50 कंपनियां सूचित होती हैं।

भारतीय शेयर बाजार में लगभग 6800 के आसपास कंपनियां हैं। और इन 6800 कंपनियों में से करीब 1600 कंपनियां नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में शामिल है और उनमें से 50 सबसे महत्वपूर्ण कंपनियों को निफ्टी में रखा जाता है। जिससे बाजार की चाल का अंदाजा लगाया जा सकता है।

निफ्टी में सूचित 50 कंपनियों के शेयर सबसे अधिक खरीदे और बेचे जाते हैं। यह अपने अपने इलाके की सबसे बड़ी कंपनियां होती हैं। इनका Market Capitalization पूरे बाजार का लगभग 60% होता है।

निफ्टी की 50 कंपनियों को चुनने का निर्णय इंडेक्स कमेटी का होता है जो की कंपनी की टोटल मार्केट कैपिटल के आधार पर किया जाता है। इस कमेटी में बड़े-बड़े अर्थशास्त्री शामिल होते हैं।

निफ़्टी फिफ्टी में शामिल 50 कंपनियां हमेशा बदलती रहती है इनमें नई कंपनियों को ऐड किया जाता है और जो कंपनी अच्छी तरह काम नहीं कर रही है और जिसका मार्केट कैपिटललाइजेशन कम हो गया है उसको निफ्टी 50 की सूची से निकाल दिया जाता है।

निफ्टी 50 इंडेक्स की गणना फ्लोट-एडजस्टेड और मार्केट कैपिटलाइज़ेशन वेटेड मेथड के आधार पर की जाती है। जिसको मापने का फार्मूला नीचे दिया गया है:

इंडेक्स मूल्य = वर्तमान MV या बाजार मूल्य/(आधार बाजार पूंजी×1000)

निफ्टी में कैसे कोई कंपनी शामिल होती है? - How does a company get listed in Nifty 50?

  • कंपनी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में पंजीकृत होनी चाहिए।
  • पिछले छह महीनों के दौरान कंपनी की ट्रेडिंग फ़्रीक्वेंसी 100% होनी चाहिए।
  • कंपनी का भारत का अधिवास होना चाहिए।
  • कंपनी के शेयर प्राइस में ज्यादा लिक्विडिटी होनी चाहिए। इसके शेयर का लेनदेन ज्यादा होना चाहिए।

Nifty 50 Index का हर 6 महीने में पुनर्गठन किया जाता है। जिसका मतलब है कि हर छह महीने बाद इसमें शामिल कंपनियों की समीक्षा की जाती है। और कंपनी की पिछले छह महीने की परफॉर्मेंस के आधार पर कंपनी को इंडेक्स में शामिल किया जाता है या इससे बाहर किया जाता है। इनके साथ-साथ SEBI के नए दिशा निर्देशों के कारण हर कंपनी की हर 3 महीने बाद निफ्टी शेयर बाजार द्वारा समीक्षा की जाती है।

कुछ निश्चित कारणों के कारण किसी कंपनी को 6 महीने से पहले भी निफ़्टी इंडेक्स से बाहर किया जा सकता है।

जैसे कि अब आप जानते हैं कि Nifty 50 में भारत की टॉप 50 कंपनियां शामिल होती है जिसका अर्थ है कि अगर इन कंपनियों के शेयर प्राइस में बढ़ोतरी होती है तो हम समझ सकते हैं कि बाजार में तेजी है। अगर इसी तरह यह कंपनियां अच्छी तरह से परफॉर्म नहीं कर रही है और निफ़्टी फिफ्टी गिर रहा है तो इसका मतलब है कि बाजार में अभी मंदी है।

Nifty में निवेश कैसे करें? - How to buy Nifty

Nifty investment करने के लिए आप निफ्टी के NiftyBees mutual fund खरीद सकते हैं। 

या आप निफ्टी के  Nifty futures and options खरीद सकते हैं। यह मासिक कॉन्ट्रैक्ट होते हैं और हर महीने के आखिरी गुरुवार को यह एक्सपायर हो जाते हैं। ज्यादा जानकारी के लिए पढ़ें, "शेयर बाजार में कैसे निवेश करें?" 

फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग हम आपको करने की सलाह नहीं देते हैं। क्योंकि इसके लिए अच्छा ट्रेडिंग एक्सपीरियंस होना चाहिए। अगर आप Nifty investment करना चाहते हैं तो Nifty mutual fund के साथ आपको जाना चाहिए। क्योंकि वह सुरक्षित होते हैं और लंबे समय के लिए होल्ड करने पर अच्छे रिटर्न भी देते हैं।

निफ़्टी में निवेश करने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए। डीमैट अकाउंट के बिना आप Nifty 50 investment नहीं कर सकते हैं।

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