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बच्चों को दिया जाने वाला Bournvita जो की अपने आप में हेल्थ ड्रिंक होने का दावा करता है अब तक की रिपोर्ट्स के मुताबिक यह एक health drink नहीं है। 10 अप्रैल को मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉमर्स ने एक खत लिखा था जिसमें बॉर्नविटा के साथ-साथ अन्य और पीने वाले पदार्थों को भी इस श्रेणी से बाहर रखा गया। FSSAI के अनुसार एक्ट 2006 से इसकी स्वास्थ्य संबंधी कोई भी परिभाषा नहीं है।
Bournvita एक हेल्थी ड्रिंक नहीं है 2023 में इस पर विवाद शुरू हुआ। इस बात पर विवाद तब शुरू हुआ जब एक व्यक्ति रेवंत हिमतसिंगका अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर बॉर्नविटा का एक वीडियो साझा किया। जिसमें यह बताने की कोशिश कि असल में बॉर्नविटा एक हेल्थ ड्रिंक नहीं है।
रेवंत हिमतसिंगका ने अपनी वीडियो में यह बताया कि बॉर्नविटा में चीनी की मात्रा ज्यादा पाई जाती है। जो बच्चों की सेहत के लिए हानिकारक है और उन्होंने यह भी बताया कि इसमें कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो कि कैंसर का कारण बन सकते हैं।
इस बात पर रेवंत हिमतसिंगका को Bournvita के ओनर मोंडेलेज़ की तरफ से एक नोटिस भेजा गया जिसमें रेवंत हिमतसिंगका को वीडियो डिलीट करने के लिए कहा गया। न्यूज़ 18 पर दिखाया गया कि नोटिस मिलने के बाद रेवंत हिमतसिंगका ने इस वीडियो को डिलीट कर दिया था।
बहुत सारे विशेषज्ञों ने भी वीडियो में दी गई जानकारी का समर्थन किया। उसके बाद सरकार द्वारा बॉर्नविटा को नोटिस भेजा गया। अभी जो नया आदेश आया है उसके अनुसार बॉर्नविटा को हेल्थ ड्रिंक की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता।
इसीलिए बॉर्नविटा को आदेश जारी हुआ है कि वह अपने प्रोडक्ट पर हेल्थ ड्रिंक लिखना बंद कर दे। क्योंकि नियमों के अनुसार बॉर्नविटा हेल्थ ड्रिंक नहीं माना जा सकता।
तो यहां हमने देखा कि कैसे एक साधारण आदमी ने अपनी आवाज उठा कर इतनी बड़ी कंपनी को झुकने के लिए मजबूर कर दिया। ऐसी जागरूकता के साथ ही हम बड़ी कंपनियों को मजबूर कर सकते हैं कि वह ऐसे प्रोडक्ट और धोखाधड़ी से परहेज करें।
क्योंकि हम यह तो सीधा-सीधा देख सकते हैं कि बॉर्नविटा अपनी एडवर्टाइजमेंट में 'तन की शक्ति मन की शक्ति' के साथ अपने प्रोडक्ट को बेचता था।
और पैरेंट्स भी अपने बच्चों को बॉर्नविटा इसी उम्मीद से पिलाते थे कि उनका बच्चा तंदुरुस्त और जवान होगा लेकिन असल में बॉर्नविटा में शुगर लेवल इतना ज्यादा होने की वजह से ऐसे ड्रिंक हेल्थी ड्रिंक ना होकर सेहत को नुकसान करते हैं।