अपने वाहन के लिए सही बीमा चुनना बहुत आवश्यक होता है। अगर आप किसी पुराने वाहन के लिए फुल पार्टी इंश्योरेंस करवा लेते हैं तो यह एक घाटे का सौदा होता है। क्योंकि मूल्यह्रास (depreciation) की वजह से बीमा कंपनी पुराने व्हीकल के लिए 50% या उससे कम का मुआवजा देती है। वहीं अगर गाड़ी नई है तो उसके लिए फूल पार्टी इंश्योरेंस बहुत अच्छा रहता है। क्योंकि ऐसी स्थिति में बीमा कंपनी को 90% या पूरा हरजाना खुद की जेब से भरना पड़ता है। ग्राहक को अपनी जेब से कुछ नहीं देना पड़ता है। तो आज के इस पोस्ट में अच्छी तरह से जानते हैं वाहन बीमा के प्रकार (types of motor insurance) और आपको कौन सा बीमा अपने वाहन के लिए करवाना चाहिए थर्ड पार्टी या फुल पैकेज पॉलिसी।
वाहन बीमा के प्रकार - Types of Motor Insurance
लाभों के आधार पर मोटर बीमा के प्रकार
लाभों के आधार पर, भारत में मूल रूप से दो वाहन बीमा के प्रकार मौजूद हैं।
- थर्ड पार्टी या केवल देयता पॉलिसी या र्तृर्तीय पक्ष बीमा - Third Party Insurance
- पैकेज पॉलिसी या कंप्रिहेंसिव पॉलिसी या व्यापक पॉलिसी - Package Policy or Comprehensive Insurance
थर्ड पार्टी इन्शुरन्स क्या होता है? - Third Party Insurance Kya Hota Hai
भारतीय मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के अनुसार, सड़क पर वाहन चलाने के लिए देयता बीमा पॉलिसी रखना अनिवार्य है। देयता बीमा पॉलिसी वाहन बीमा के प्रकार में से एक है जिसमें तीसरे पक्ष की ओर आपकी कानूनी देयता को कवर करती है; यदि आपका वाहन किसी व्यक्ति को नुकसान पहुंचता है तो। थर्ड पार्टी इन्शुरन्स आपके वाहन द्वारा तीसरे पक्ष की संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई भी करता है।
उपर्युक्त परिदृश्यों में से किसी एक (तीसरे पक्ष को चोट या उनकी संपत्ति को नुकसान) के लिए यदि पीड़ित व्यक्ति क्षतिपूर्ति के लिए दावा करता है तो आपको नुकसान या चोट के लिए भुगतान करना होगा (भुगतान की राशि अदालत द्वारा तय की जाती है)। इसलिए थर्ड पार्टी इन्शुरन्स आपकी ओर से तीसरे पक्ष के नुकसान की भरपाई करता है। ऐसी बीमा पॉलिसी सिर्फ तीसरे पक्ष की देनदारयां ही कवर करती है इसमें बीमित वाहन की क्षतिपूर्ति नहीं की जाती।
पैकेज पॉलिसी क्या होती है? - Full Motor Insurance
इस वाहन बीमा के प्रकार (types of motor insurance) को वाहन समेत एक पूर्ण कवर प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। तृतीय पक्ष केवल बीमा में मौजूद सभी लाभों के साथ आप डकैती, चोरी, दंगों, आत्म-अज्ञानता, आग, बिजली, विस्फोट आदि के खिलाफ कवर प्राप्त करते हैं। तीसरे पक्ष के बीमा के बजाए अपने वाहन के लिए पैकेज पॉलिसी लेना फायदेमंद होता है क्योंकि थर्ड पार्टी इन्शुरन्स आपके वाहन के लिए कवर प्रदान नहीं करता है।
पैकेज पॉलिसी प्रीमियम आपके वाहन के प्रकार पर निर्भर करता है और यह क्षतिपूर्ति की सीमा पर भी निर्भर करता है। एक अलग पोस्ट में हमने विस्तार से बात की है कि किस वाहन के लिए थर्ड पार्टी इन्शुरन्स अच्छा है।
उपरोक्त दो मुख्य (थर्ड पार्टी इन्शुरन्स और पैकेज पॉलिसी) वाहन बीमा के प्रकार है। इसके अलावा भी हमको आजकल वाहन के हिसाब से मोटर बीमा उत्पाद देखने को मिलते हैं जिनमें से कुछ की चर्चा हम आगे कर रहे हैं।
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वाहन के हिसाब से वाहन बीमा के प्रकार
लाभों के आधार पर हमारे पास दो तरह की वाहन बीमा पॉलिसी है जो कि ऊपर बताई गई है। वाहन के प्रकार के हिसाब से हमारे पास नीचे दी गई इन्शुरन्स पॉलिसी होती है:
- दोपहिया वाहन बीमा - Two wheeler motor insurance
- निजी कार इन्शुरन्स - Car Insurance
- कमर्शियल या वाणिज्यिक वाहन बीमा - Commercial motor insurance
दोपहिया वाहन बीमा - Two Wheeler Motor Insurance
इसका नाम ही दर्शाता है कि इस वाहन बीमा के प्रकार में दोपहिया वाहनों को कवर किया जाता है। जब भी आप दोपहिया वाहन खरीदते हैं तो आपको थर्ड पार्टी इन्शुरन्स कम से कम 5 साल के लिए लेना अनिवार्य है। नया वाहन खरीदते समय यह आप पर निर्भर है कि आप पैकेज पॉलिसी लेना चाहते हैं या थर्ड पार्टी पॉलिसी। आप कंप्रिहेंसिव कवर 1 साल के लिए ले सकते हैं लेकिन थर्ड पार्टी कवर कम से कम 5 साल के लिए लेना ही पड़ेगा।
निजी कार इन्शुरन्स - Car Insurance
इस मोटर बीमा के प्रकार को चार पहिया वाहनों के लिए बनाया गया है। भारतीय मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार जब भी कोई व्यक्ति नया निजी चार पहिया वाहन खरीदना है तो उसे कम से कम 3 साल के लिए थर्ड पार्टी इन्शुरन्स लेना होगा। चार पहिया वाहन में कंप्रिहेंसिव कवर की अवधि अपनी मर्जी से ली जा सकती है। लेकिन र्तृर्तीय पक्ष बीमा की अवधि कम से कम 3 साल होगी।
कमर्शियल या वाणिज्यिक वाहन बीमा - Commercial Motor Insurance
कमर्शियल वाहन बीमा व्यापारिक लोगों के लिए बनाया गया है जिनके पास अपना कारोबार चलाने के लिए एक से ज्यादा वाहन होते हैं। इस वाहन बीमा के प्रकार में एक बार एक से ज्यादा वाहनों का बीमा किया जाता है। जिसमें पॉलिसीधारक को तय किया गया प्रीमियम भरना पड़ता है और बदले में बीमा कंपनी उसके वाहनों द्वारा दुर्घटना में तीसरे पक्ष के हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति करती है और साथ ही में बीमित वाहनों की मरम्मत (अगर पैकेज पॉलिसी ली गई है) के लिए भी पैसे देती है।
ध्यान दें: भारतीय मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन के कारण अब दोपहिया वाहन के लिए कम से कम 5 साल के लिए थर्ड पार्टी इन्शुरन्स लेना अनिवार्य है और चार पहिया वाहन के लिए 3 साल।
मोटर इंश्योरेंस में क्या कवर किया जाता है?
आमतौर पर वाहन बीमा पॉलिसी में नीचे दी गई घटनाओं/क्षतियों/मोको को कवर किया जाता है। ध्यान दें: लाभ वाहन बीमा के प्रकार के मुताबिक कम या ज्यादा हो सकते हैं।
- तीसरे पक्ष के वाहन को नुकसान होने की स्थिति में क्षतिपूर्ति के लिए राशि दी जाती है।
- तीसरे पक्ष की संपत्ति को नुकसान होने पर क्षतिपूर्ति की जाती है।
- आत्म-अज्ञानता, आग, विस्फोट, दंगों, आतंकवादी कृत्यों आदि के कारण बीमाकृत वाहन को नुकसान होने की स्थिति में मरम्मत के लिए भुगतान किया जाता है। (अगर पैकेज पॉलिसी हो तो)
- प्राकृतिक आपदाओं जैसे कि भूकंप, तूफान, बाढ़, चक्रवात, भूस्खलन आदि के कारण बीमाकृत वाहन को क्षति पहुंचने पर भुगतान किया जाता है।
- दूसरों की गलती की वजह से होने वाली दुर्घटना में भी क्षतिपूर्ति की जाती है।
- डकैती/चोरी होने पर भी मुआवजा लिया जा सकता है।
मोटर बीमा में किन स्थितियों में कवर नहीं मिलता?
बीमा कंपनियां कुछ पूर्वनिर्धारित स्थितियों और परिस्थितियों के तहत दावा देने से मना कर सकती हैं। इवेंट जो बीमा पॉलिसी में कवर नहीं किए जाते उनको बीमा की भाषा में बहिष्करण (Exclusions) कहां जाता है। यहां नीचे कुछ इवेंट दिए गए हैं जिन्हें दोपहिया या कार बीमा में कवर नहीं किया जाता।
- वाहन की उम्र के कारण होने वाली टूट-फूट के लिए कोई क्लेम नहीं मिलता।
- अगर चालक के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है तो इन्शुरन्स कंपनी किसी भी प्रकार का दावा देने के लिए बाध्य नहीं होती।
- बीमित वाहन पर आवधिक मूल्यह्रास लागू होते हैं।
- इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल पार्ट टूटने को कवर नहीं किया गया है।
- यदि वाहन गैरकानूनी गतिविधियों के लिए उपयोग किया जाता है तो क्षतिपूर्ति के लिए कोई दावा नहीं किया जा सकता।
ज्यादा जानकारी के लिए यह पोस्ट, “मोटर बीमा पॉलिसी क्या कवर करती है और क्या नहीं?” पढ़ें।
कौन-सी पॉलिसी ले: थर्ड पार्टी इन्शुरन्स या पैकेज पॉलिसी? - Third Party or Package Policy
वाहन बीमा के प्रकारों में से कौन-सी पॉलिसी अच्छी रहेगी यह आपके वाहन पर और आप पर निर्भर करता है। हम यहां पर राय देते हैं अगर आपका वाहन नया है तो आप पैकेज पॉलिसी ही ले। दूसरी तरफ अगर आपका वाहन पुराना हो चुका है तो हम सलाह देते हैं कि थर्ड पार्टी इन्शुरन्स ले क्योंकि मोटर बीमा में बहिष्करण और मूल्यह्रास जैसी शर्ते होती हैं जिनकी वजह से पुराने वाहन के क्लेम पर बहुत कम पैसे मिलते हैं या मुआवजा मिलता है।
इस विषय पर हमने विस्तार से एक अलग पोस्ट में बात की है आपको वह पोस्ट पढ़ना चाहिए। उससे आपको सही से जानकारी मिलेगी कि आपके वाहन के लिए कौन सी मोटर बीमा पॉलिसी अच्छी रहेगी, ज्यादा जानकारी के लिए यहां क्लिक करें।