इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है?

zerodha zerodha zerodha
₹0 Brokerage for Delivery Trading | Flat ₹20 Intraday

 इंट्राडे का अर्थ है 'एक दैनिक सत्र' इस प्रकार इंट्राडे ट्रेडिंग (intraday trading in Hindi) का अर्थ है 'एक दिन में पूरी की जाने वाली ट्रेडिंग'। इसको डे ट्रेडिंग भी कहा जाता है। वह ट्रेडर्स जो दिन में ट्रेड लेते हैं और शाम को ट्रेडिंग सेशन खत्म होने से पहले अपनी ट्रेड को बंद कर देते हैं चाहे वह लॉस में हो या प्रॉफिट में हो उन्हें इंट्राडे ट्रेडर्स कहा जाता है। इंट्राडे ट्रेडर्स अधिक लिवरेज लेकर डे ट्रेडिंग स्ट्रैटेजिस को उपयोग करके स्टॉक मार्केट में होने वाले छोटे-छोटे उत्तराव चढ़ाव (ट्रेडिंग की भाषा में प्राइस एक्शन) पकड़ कर प्रॉफिट कमाने की कोशिश करते हैं।

डे ट्रेडिंग हर तरह की मार्केट में की जा सकती है चाहे वह बॉन्ड, कमोडिटी, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स, इंडेक्स फ्यूचर, फॉरेक्स इंस्ट्रूमेंट, स्टॉक फ्यूचर, स्टॉक एंड इंडेक्स ऑप्शन हो।

यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि नॉर्मल ट्रेडिंग और इंट्राडे ट्रेडिंग में कोई फर्क नहीं होता है। दोनों ट्रेडिंग एक समान ही होती है। बस यही फर्क होता है कि नॉर्मल ट्रेडिंग में आप लॉन्ग टर्म के लिए स्टॉक या इंडेक्स को खरीद कर होल्ड करते हैं और यहां इंट्राडे ट्रेडिंग में आप शाम को अपना प्रॉफिट या लॉस बुक करके ट्रेड को बंद कर देते हैं और अगले दिन के लिए ट्रेड को होल्ड नहीं करते हैं।

इस ट्रेडिंग के लिए कोई अलग प्रक्रिया भी नहीं होती है जैसे आप नॉर्मल ट्रेडिंग करते हैं वैसे ही इंट्राडे ट्रेडिंग होती है जैसे कि मैंने बताया फर्क यही होता है कि शाम को आप अपनी ट्रेडिंग को बंद कर देते हैं।

intraday trading in Hindi

अक्सर प्रॉफिट लेने के लिए फुल टाइम इंट्राडे ट्रेडर्स एक दिन में 12 से 15 ट्रेड करते हैं इनमें से सभी ट्रेड प्रॉफिट में नहीं जाती है लेकिन वह कोशिश करते हैं कि दिन का अंत वह प्रॉफिट में करें।

ट्रेडिंग हो या निवेश हमारा डिमैट अकाउंट सबसे अच्छे स्टॉक ब्रोकर के साथ होना चाहिए। इसके लिए हम भारत का नंबर वन डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर एंजेल वन (Angel One) रिकमेंड करते हैं।अगर आपका ट्रेडिंग अकाउंट अभी तक एंजेल वन में नहीं है तो नीचे दिए लिंक पर क्लिक करके अभी आप अपना डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं।

नए ट्रेंड इंट्राडे ट्रेडिंग बिल्कुल ना करें - Intraday Trading is a Risky Business

SEBI जो कि भारत में शेयर बाजार को संचालित करने वाली संस्था है ने अपने नए सर्कुलर में यह बताया है कि 100 में से 90 ट्रेडर स्टॉक मार्केट में अपना पैसा गवाते हैं। इनमें से ज्यादातर पहले तीन महीने में ही अपना पूरा अकाउंट का पैसा गवा देते हैं।

इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि जो भी नए ट्रेडर आते हैं वह शुरुआत में ही इंट्राडे ट्रेडिंग करना शुरू कर देते हैं। जो की ट्रेडिंग में सबसे मुश्किल होती है। अक्सर प्रोफेशनल ट्रेडर्स डे ट्रेडिंग (day trading) 3 साल के बाद करने की सलाह देते हैं। क्योंकि इतने समय के बाद एक व्यक्ति को स्टॉक मार्केट के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी हो जाती है।

लेकिन लालच के चलते इंट्राडे ट्रेडिंग लोगों को लुभाती है क्योंकि इसमें अक्सर ये माना जाता है कि ₹10000 से लाखों कमाए जा सकते हैं। लेकिन आपको बता दें यही एक कारण है जिसकी वजह से 90% ट्रेडर कभी सफल नहीं बन पाते। नए निवेशक को पहले स्टॉक में ट्रेडिंग करनी चाहिए, उसके बाद इंडेक्स में आना चाहिए और सबसे अंत में जब स्टॉक मार्केट और मार्केट की गतिविधि अच्छी तरह समझ आ जाए चार्ट पढ़ने आ जाए तब जाकर इंट्राडे ट्रेडिंग करनी चाहिए।

इंट्राडे ट्रेडिंग कौन-कौन से सेगमेंट में की जा सकती है?

डे ट्रेडिंग निम्नलिखित सेगमेंट में की जा सकती है:

  • बॉन्ड फ्यूचर (Bond Futures): बॉन्ड फ्यूचर अधिक लिक्विडिटी, अधिक वॉल्यूम तथा अधिक लिवरेज प्रदान करता है और वह भी कम ट्रांजैक्शन शुल्क के साथ। बॉन्ड फ्यूचर के द्वारा इंट्राडे ट्रेडर्स अपने निवेश को विविधता प्रदान करते हैं एवं जोखिम को सीमित करते हैं। फिर भी बॉन्ड फ्यूचर इंट्राडे ट्रेडर्स के लिए श्रेष्ठ वित्तीय साधन नहीं है क्योंकि इसमें अधिक पूंजी के निवेश की आवश्यकता होती है।
  • कमोडिटी फ्यूचर (Commodities Futures): इंट्राडे ट्रेडर्स के लिए कमोडिटी “कमोडिटी फ्यूचर” के रूप में उपलब्ध होती है। इंट्राडे ट्रेडर्स इनके मूल्य में होने वाले उतार-चढ़ाव के द्वारा लाभ अर्जित करते हैं। कमोडिटी फ्यूचर इंट्राडे ट्रेडर्स के लिए अच्छा वित्तीय साधन है क्योंकि यह इंडेक्स आधारित ट्रेडिंग की अपेक्षाकृत संपत्ति का विविधीकरण प्रदान करता है एवं जोखिम को सीमित करता है।
  • एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Exchange Traded Funds): एक्सचेंज ट्रेडेड फंड सभी प्रकार की सिक्योरिटी का संग्रह होता है एवं इसे एक्सचेंज द्वारा जारी किया जाता है। एक्सचेंज ट्रेडेड फंड इंट्राडे ट्रेडर्स के लिए अच्छा वित्तीय साधन माना जाता है क्योंकि यह कम ट्रांजैक्शन शुल्क के साथ अधिक लिक्विडिटी प्रदान करता है। एक्सचेंज ट्रेडेड फंड इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए इसलिए भी सर्वोत्तम माना जाता है क्योंकि यह एक प्रकार का परिवर्तनशील वित्तीय साधन है अर्थात इसके मूल्य में निरंतर उतार-चढ़ाव आता रहता है।
  • इंडेक्स फ्यूचर (Index Futures): स्टॉक एक्सचेंज के इंडेक्स द्वारा हम किसी कंपनी की आर्थिक स्थिति जान सकते हैं एवं इंडेक्स फ्यूचर के द्वारा हम किसी कंपनी के इंडेक्स मूल्य का अंदाजा लगा सकते हैं। इंडेक्स फ्यूचर्स इंट्राडे ट्रेडर्स के लिए एक अच्छा विकल्प है क्योंकि यह इंट्राडे ट्रेडर्स को कम ट्रांजैक्शन शुल्क के साथ अधिक लिक्विडिटी, अधिक वॉल्यूम, अधिक लिवरेज प्रदान करता है।
  • फॉरेक्स इंस्ट्रूमेंट (Forex Instruments): फॉरेन करंसी एक्सचेंज इंट्राडे ट्रेडर्स के लिए एक अच्छा विकल्प है क्योंकि यह अधिक परिवर्तनशील, अधिक लिक्विडिटी, कम पूंजी निवेश एवं कम ट्रांजैक्शन शुल्क से लैस वित्तीय साधन है।
  • स्टॉक फ्यूचर (Stocks Futures): स्टॉक फ्यूचर अत्यधिक परिवर्तनशील होने के कारण इंट्राडे ट्रेडर्स के बीच अत्यधिक लोकप्रिय है। स्टॉक से संबंधित फ्यूचर का चुनाव अत्यंत सावधानी पूर्वक करना चाहिए क्योंकि इससे संबंधित सूची में निरंतर परिवर्तन होते रहते हैं। स्टॉक फ्यूचर सभी कंपनियों द्वारा जारी नहीं किए जाते हैं। यह केवल उन्हीं कंपनियों द्वारा जारी किए जाते हैं जो स्टॉक के मूल्य में भविष्य में होने वाले उतार-चढ़ाव का अनुमान लगाना चाहती हैं।
  • स्टॉक एंड इंडेक्स ऑप्शन (Stock and Index Options): स्टॉक ऑप्शन किसी एक कंपनी के स्टॉक पर आधारित होते हैं परंतु इंडेक्स ऑप्शन अनेकों कंपनियों के स्टॉक पर आधारित होते हैं। स्टॉक की अपेक्षाकृत स्टॉक ऑप्शन एक कम लागत वाला विकल्प है। स्टॉक एंड इंडेक्स ऑप्शन अत्यधिक परिवर्तनशील होने के परिणाम स्वरूप इंट्राडे ट्रेडर्स को कम पूंजी निवेश के साथ अधिक लिक्विडिटी प्रदान करते हैं।